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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: भारत का ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट Delhi dehradun highway

 दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: भारत का ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट 

दिल्ली से देहरादून की दूरी अब सचमुच कम हो गई है, न केवल किलोमीटर में बल्कि समय के मामले में भी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर 2024 को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। इस उद्घाटन के बाद दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा मात्र 2.5 घंटे में पूरी हो सकेगी। यह परियोजना उत्तराखंड और दिल्ली के बीच परिवहन को अधिक सुगम और तेज बनाने के साथ-साथ पर्यावरण-संवेदनशील और आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगी।

Delhi dehradun highway


दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: भारत का ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का हिस्सा है, जो देश के प्रमुख शहरों को हाई-स्पीड और सुरक्षित सड़कों से जोड़ने की केंद्र सरकार की एक बड़ी योजना है। यह एक्सप्रेसवे कुल 210 किलोमीटर लंबा है और इसे अत्याधुनिक तकनीक और टिकाऊ निर्माण के मानकों के अनुसार विकसित किया गया है। इसके निर्माण के लिए लगभग 12,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

यह परियोजना न केवल दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी को समय में घटाने में मदद करेगी, बल्कि हरिद्वार, रुड़की और आसपास के अन्य क्षेत्रों में आर्थिक और पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।


यात्रा का समय और आरामदायक सफर

दिल्ली से देहरादून तक सड़क मार्ग से यात्रा करने में आमतौर पर 6 से 7 घंटे का समय लगता था। इस यात्रा में ट्रैफिक जाम और खराब सड़कों के कारण समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होते थे। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद यह सफर मात्र 2.5 घंटे में पूरा होगा।

एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की तेज रफ्तार के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। एक्सप्रेसवे की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा होगी, और पूरे मार्ग पर सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।


पहले चरण की विशेषताएं

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले चरण में दिल्ली से हरिद्वार बाईपास तक का हिस्सा शामिल है। यह 6-लेन का आधुनिक और पर्यावरण-संवेदनशील एक्सप्रेसवे है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक विस्तारित किया जा सकता है।

  1. हरित कॉरिडोर: यह एक्सप्रेसवे ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जिसमें हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। सड़क के दोनों ओर हरियाली विकसित की गई है और विशेष रूप से पौधारोपण किया गया है।

  2. वन्यजीव संरक्षण: एक्सप्रेसवे के निर्माण में वन्यजीवों की आवाजाही के लिए विशेष अंडरपास और वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाए गए हैं। इससे सड़क निर्माण के कारण वन्यजीवों पर पड़ने वाले प्रभाव को न्यूनतम किया गया है।

  3. स्मार्ट टेक्नोलॉजी: एक्सप्रेसवे पर एआई-आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, और इमरजेंसी रेस्पांस सेवाएं उपलब्ध होंगी।

  4. सौर ऊर्जा का उपयोग: सड़क पर रोशनी के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं। इससे ऊर्जा की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा।


दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पूरा मार्ग

इस एक्सप्रेसवे का कुल लंबाई 210 किलोमीटर है, जिसे चार चरणों में विभाजित किया गया है।

  • पहला चरण: दिल्ली से हरिद्वार बाईपास तक
  • दूसरा चरण: हरिद्वार बाईपास से रुड़की तक
  • तीसरा चरण: रुड़की से देहरादून
  • चौथा चरण: देहरादून के भीतर इंटर-कनेक्टिविटी

जब यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा, तो यह दिल्ली और देहरादून को तेज़, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के लिए जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण मार्ग बन जाएगा।


पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलने की संभावना है।

  1. ऋषिकेश और हरिद्वार की बढ़ती लोकप्रियता: एक्सप्रेसवे के माध्यम से इन धार्मिक और योग स्थलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
  2. मसूरी और अन्य हिल स्टेशनों का विकास: देहरादून मसूरी और औली जैसे हिल स्टेशनों का गेटवे है। एक्सप्रेसवे की तेज़ यात्रा से पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
  3. व्यापार और निवेश: एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों, हॉटेल्स, और अन्य सुविधाओं के विकास से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

पर्यावरण के लिए वरदान

इस एक्सप्रेसवे का डिज़ाइन पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

  • वन क्षेत्र की सुरक्षा: निर्माण के दौरान वनों को नुकसान से बचाने के लिए कई विशेष कदम उठाए गए हैं।
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: तेज़ और सुगम यातायात से वाहनों के ईंधन की खपत कम होगी, जिससे कार्बन फुटप्रिंट घटेगा।

भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में नई क्रांति

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भारत के परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे बड़े बदलाव का हिस्सा है। इस तरह की परियोजनाएं न केवल समय और दूरी को कम करती हैं, बल्कि भारत को भविष्य के लिए तैयार भी करती हैं।

  • स्मार्ट सिटी पहल: एक्सप्रेसवे आसपास के इलाकों में शहरीकरण और स्मार्ट सुविधाओं को बढ़ावा देगा।
  • लॉजिस्टिक्स का विकास: ट्रांसपोर्टेशन में सुधार से माल ढुलाई आसान और तेज़ होगी।

स्थानीय लोगों और यात्रियों की प्रतिक्रिया

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के उद्घाटन की खबर से स्थानीय निवासियों, यात्रियों और व्यापारियों में उत्साह है। देहरादून के निवासी कहते हैं कि यह परियोजना शहर के विकास को तेज़ करेगी और युवाओं के लिए नए अवसर लेकर आएगी। दिल्ली के यात्रियों को भी अब वीकेंड गेटवे के लिए एक आसान और समय बचाने वाला विकल्प मिलेगा।


भविष्य की योजना

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों को भी जोड़ने के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट है। भविष्य में सरकार ऐसी ही और परियोजनाओं पर काम करेगी, जो भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देंगी।


दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर 

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 दिसंबर को इसके पहले फेज का उद्घाटन एक ऐतिहासिक क्षण होगा। यह परियोजना न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि उत्तराखंड और दिल्ली के बीच आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी। इस एक्सप्रेसवे से न केवल देहरादून, बल्कि पूरे उत्तराखंड राज्य को एक नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी।

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